नई दिल्ली। पांच राज्यों में से चार राज्यों में भाजपा ने अपने वोटर बढ़ाए। पंजाब में भी वोट बढ़े, हालांकि सीटें तीन से घटकर दो रह गईं। उत्तराखंड इकलौता राज्य है, जहां उसके वोट कम हो गए।
उत्तर प्रदेश : भाजपा-सपा बढ़े, बसपा-कांग्रेस घटे
भाजपा : 2017 के 39.67 प्रतिशत के मुकाबले इस बार 41.38 प्रतिशत वोट मिले। इसके 2.13 प्रतिशत वोट बढ़े जरूरी, लेकिन सीटों की संख्या 312 से घट गई। इस बार एनडीए भाजपा 255 सीट ही जीतने में कामयाब रही।
सपा : 2017 के 21.82 प्रतिशत के मुकाबले इस बार उससे कहीं अधिक 32.03 प्रतिशत वोट मिले हैं और 111 सीटें गईं। उसने राज्य में प्रमुख विपक्षी दल के तौर पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
बसपा : 2017 में उसे 22.23 प्रतिशत वोट मिले थे, इस बार तेज गिरावट आई और यह 12.83त्न पर सिमट गए। सीट भी एक ही मिली, जबकि पांच साल पहले 19 सीटें मिली थीं।
कांग्रेस : राज्य में कांग्रेस का वोट 2017 में 6.25 प्रतिशत था, इस बार यह घटकर 2.35 प्रतिशत रह गया है।
उत्तराखंड : कांग्रेस के वोट बस यहीं बढ़े
भाजपा : 2017 में 46.5 प्रतिशत वोट मिले थे, जो इस बार घटकर 44.3 प्रतिशत रह गए। सीटें भी 60 में से 57 जीती थीं, इस बार वह 47 पर जीत मिली है।
कांग्रेस : बाकी चार राज्यों में जरूर कांग्रेस के वोट घटे, लेकिन उत्तराखंड में वृद्धि हुई। 37.91 प्रतिशत वोटों का असर सीटों पर हुआ, 2017 में 11 सीटें जीती थीं, इस बार 19 जीतीं।
गोवा : कांग्रेस का नुकसान, भाजपा का फायदा
भाजपा : 2017 में 32.5 प्रतिशत वोट पाए थे। इस बार 33.31 प्रतिशत वोट। पिछले चुनाव में 13 सीटें जीती थीं, इस बार संख्या 20 है।
कांग्रेस : कांग्रेस के वोट 28.4 प्रतिशत से घटकर 23.46 प्रतिशत रह गए हैं। सीटें भी 17 जीती थीं, इस बार आंकड़ा 11 ही रहा।
पंजाब : आप के जागे भाग
आम आदमी पार्टी : किस्मत पलटी और 92 सीटें जीतीं। पिछली बार संख्या 20 थी। वोट 23.7 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हुए।
कांग्रेस : 38.5 प्रतिशत से घटकर 23 प्रतिशत रह गए वोट। सीटें 77 से घटकर सीधे 18 पर।
भाजपा : 5.4 प्रतिशत१ से बढ़कर 6.6त्न पहुंचा वोट। सीटें दो ही मिलीं। 2017 में तीन थीं।
शिअद : शिरोमणि अकाली दल पिछली बार भाजपा के साथ था। 25.2 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार 18.38 प्रतिशत मिले।
मणिपुर : कांग्रेस रह गई आधी तो एनपीईपी तीन गुना बढ़ी
भाजपा : 2017 में मिले 36.3त्न से बढ़कर 37.83 प्रतिशत पर पहुंचे वोट। बड़ा फायदा मिला, सीटें भी 21 से बढ़कर 32 हो गईं।
कांग्रेस : वोट 35.1 प्रतिशत थे, जो आधे से ज्यादा घटकर 16.83 प्रतिशत रह गए।
एनपीईपी : कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी ने यहां 17.29 प्रतिशत वोट पाए जो पिछली बार के 5.1 प्रतिशत से तीन गुना से ज्यादा हैं। सीटें भी 4 से बढ़ीं, वह 7 सीट जीतने में कामयाब रही।









