रायपुर। पिछले कुछ समय में धमतरी के कई ऐसे स्थलों की खोज हुई है जो उसे अलग पहचान दिला दिए हैं। आज के ही दिन धमतरी के अलग जिला घोषित किया गया था। धमतरी को “धम्म”+ “तरई” से संक्षिप्त किया गया है तथा छत्तीसगढ़ क्षेत्र के उपजाऊ मैदानों में स्थित है। यह जिला 20०42 ‘ एन अक्षांश और 81०33′ ई देशांतर के बीच स्थित है। धमतरी जिले को आधिकारिक तौर पर 6 जुलाई 1998 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले से महासमुंद के साथ विभाजित किया गया। नतीजतन, रायपुर जिले की सीमाएं तीन जिलों में बदल गयी हैं रायपुर, महासमुंद और धमतरी। तो जानिए धमतरी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
धमतरी, कुरूद , मगरलोड और नगरी को धमतरी जिले में तहसील और धमतरी, कुरुद, नगरी और मगरलोड ब्लॉकों के रूप में शामिल किया गया है। जिले का कुल क्षेत्र 2029 वर्ग किलोमीटर है और औसतन समुद्र तल से 305 मीटर ऊपर है। जिला के उत्तर में जिला रायपुर और जिला कांकेर के साथ-साथ दक्षिण में बस्तर, पूर्व में उड़ीसा राज्य के हिस्से में और पश्चिम में जिला दुर्ग और कांकेर से घिरा हुआ है। महानदी इस जिले की प्रमुख नदी है और महानदी को कंकननदी, चित्रोत्पला, नीलोत्पला, मंदवाहिनी, जैरथ आदि नाम से भी जाना जाता है।
क्यों उपजाऊ है धमतरी की जमीन
महानदी की सहायक नदियाँ सेढुर,पैरी, सोंदुर,जोंन, खारुन,एवं शिवनाथ है | धमतरी जिले की भूमि का उपजाऊ होने का कारण इन नदियों की उपस्थिति है | इस क्षेत्र की प्रमुख फसल धान है | मध्य भारत की प्रमुख नदी महानदी सिहावा पर्वत से निकल कर पूर्व दिशा की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है।
जानिए संसदीय क्षेत्र
धमतरी जिला दो संसदीय क्षेत्र (कांकेर एवं महासमुंद) एवं तीन विधानसभा क्षेत्र (धमतरी, कुरूद एवं सिहावा) में आता है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 (पूर्व में एनएच 43) रायपुर – विजयनगरम (आंध्रप्रदेश ) मार्ग धमतरी से होकर गुजरता है। रायपुर की दूरी धमतरी से 78 किमी है।
क्यों प्रसिद्ध है धमतरी
धमतरी में माता बिलाई का मंदिर नगर के दक्षिण में महानदी के किनारे स्थित है। यह धमतरी जिला का मुख्य मंदिर है।बिलाई माता को मां विंध्यवासिनी के रूप में भी जाना जाता है। मां विंध्यवासिनी का मुख्य मंंदिर उत्तर प्रदेश के विंध्याचल की पहाड़ियों में स्थित है।
अंग्रेजों के जमाने का रुद्री डेम
रुद्री डैम एक ऐतिहासिक डेम है जिसे भारत के सरकार ने नहीं बल्कि अंग्रेजों ने बनवाया था। यह डैम 19वीं सदी में बनवाया गया था। इसे इंग्लैंड के शासकों द्वारा बनवाया गया था। यह डैम महानदी पर बनी हुई है। यह डैम सबसे पुरानी सिंचाई परियोजना में से एक है। यह डैम अपने जमाने में यहां आसपास के सभी खेत खलियान तक नहरों के माध्यम से पानी पहुंचाती थी। आज भी इस डैम द्वारा राज्य के लगभग लगभग 4 जिलों में पानी पहुंचाया जाता है। यह डैम महानदी पर बनाई गई है। यह डैम जिले के मुख्य शहर से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां धमतरी से मात्र 25 मिनट की समय में पहुंच सकते हैं।
मिनी गोवा बना गंगरेल
गंगरेल बांध छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा बांध है और यह राज्य के कई जिलों को सिंचाई के लिए पानी भी प्रदान करता है। इसे अब पर्यटन स्थल के रूप में मिनी गोवा की तर्ज पर तैयार किया गया है।
इस बांध को पंडित रविशंकर जलाशय के नाम से भी जाना जाता है। गंगरेल बांध धमतरी से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस बांध को 5 जून 1972 को खोला गया था। इस बांध में कुल 14 गेट बने हुए हैं। इस बांध द्वारा राज्य के मुख्य शहरों रायपुर और भिलाई स्टील प्लांट के लिए भी जल पहुंचाया जाता है।
प्रकृति की गोद में सिहावा पर्वत
सिहावा पर्वत महानदी का उद्गम स्थल है। यहीं से महानदी निकलकर राज्य को पानी प्रदान करता है। यह नदी छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा भी कहलाती है। यहां पर दो मुख्य पार्वत मिलती हैं पहला महेंद्र गिरी पर्वत और दूसरा श्रीखंड पर्वत। कहा जाता है कि लिए पर्वतों पर आकर श्रृंगी ऋषि ने तप किया था और श्रृंगी ऋषि का तपोस्थली आज भी यहां पर मौजूद है। यहां पर ऊपर पहाड़ चड़ने पर आपको एक मंदिर मिलेगी जहा पर श्रृंगी ऋषि का तपो स्थल भी मौजूद है। यह एक देखने लायक जगह है। यहां पर एक हॉल के समान एक मंदिर है जहां बैठ कर श्रद्धालु विश्राम करते है।