चीन से जारी तनाव के बीच भारत सरकार ने तीनों सेनाओं को 500 करोड़ रुपये के हथियारों की खरीद को मंजूरी दी है। जानकारी के अनुसार, मोदी सरकार ने तीनों सेनाओं को उनकी जरूरत के मुताबिक 500 करोड़ रुपये तक के घातक हथियारों और गोला बारूद को खरीदने को छूट दी है। मामले संबंधी जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों को खतरनाक अस्त्र शस्त्रों की तात्कालिक और आपात खरीद के लिए 500 करोड़ रुपये तक की वित्तीय शक्तियां दी हैं।
भारत सरकार ने तीनो सेनाओं को ये ताकत पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ और LAC में चीनी सैनिकों की भारी संख्या में तैनाती के मद्देनजर दी है। बता दें कि सेनाओं को ऐसी ही वित्तीय ताकत उरी हमले और पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भी दी थी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद खुद को तैयार रखने के लिए दी गई इजाजत के बाद सबसे ज्यादा फायदा वायु सेना को हुआ।
परमाणु हथियारों के जखीरे में बढ़ी भारत की ताकत
अभी हाल ही में स्वीडन के थिंक टैंक सिपरी की रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें कहा गया था कि भारत अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को भी बढ़ा रहा है। भारत के परमाणु हथियारों के जखीरे में पिछले साल 10 और हथियार जुड़े हैं और साल 2020 की शुरुआत में भारत के पास 150 परमाणु हथियार थे। सालभर पहले यानी 2019 की शुरुआत में यह संख्या 130 से 140 तक बताई गई थी। हालांकि भारत अभी भी इस मामले में चीन से पीछे है।