वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमित हुए एक तिहाई बुजुर्गों में प्रारंभिक संक्रमण के महीनों बाद स्वास्थ्य संबंधी कम से कम एक नई समस्या पैदा हुई, जिसका उन्हें इलाज करना पड़ा। विज्ञानियों का यह विश्लेषणात्मक शोध निष्कर्ष द बीएमजे नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अमेरिका स्थित आप्टम लैब्स और हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने बताया कि बुजुर्गों में दिल, किडनी, फेफड़े व लिवर के साथ-साथ मानसिक समस्याएं भी पैदा हुईं। उन्होंने अमेरिका के स्वास्थ्य बीमा योजना रिकार्ड के आधार पर वर्ष 2020 में 65 या उससे अधिक उम्र के 1,33,366 बुजुर्गों की पहचान की, जिनमें एक अप्रैल से पहले कोविड-19 संक्रमण का पता चला था। इनका वर्ष 2020 व 2019 के गैर कोविड संक्रमितों के समूह व लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में संक्रमण के कारण बीमार लोगों के साथ तुलना की गई। इस दौरान उनकी उम्र, लिंग व समूह का ध्यान रखते हुए कोविड-19 की वजह से अस्पताल में भर्ती किए जाने के अत्यधिक खतरे का आकलन किया गया। परिणाम बताते हैैं कि वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमित हुए बुजुर्गों में से 32 प्रतिशत में संक्रमण से ठीक होने के बाद स्वास्थ्य संबंधी नई समस्याएं पैदा हुईं, जो वर्ष 2020 के तुलना समूह से 11 प्रतिशत ज्यादा थीं। श्ाोधकर्ताओं ने कहा, ‘हमारा यह अध्ययन संभावित बीमारियों के खतरे का आकलन करने और स्वास्थ्य संसाधनों के इस्तेमाल में मददगार साबित होगा।”