क्वांटम इन्फार्मेशन साइंस में विशिष्ट योगदान के लिए फ्रांस के एलेन आस्पेक्ट, अमेरिका के जान एफ क्लोजर और आस्ट्रिया के एंटन जीलिगर ने संयुक्त रूप से इस साल भौतिकी का नोबेल जीता है। क्वांटम भौतिकी के क्षेत्र में अलग-अलग समय और अलग-अलग स्थानों पर किए गए इन तीनों के शोध को कई वर्ष बाद नोबेल के पैमाने पर खरा पाया गया है। विगत वर्षों में इनके शोध ने डाटा एनक्रिप्शन, सुरक्षित तरीके से इन्फार्मेशन ट्रांसफर व क्वांटम कंप्यूटिग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
रायल स्वीडिश एकेडमी आफ साइंसेज की नोबेल कमेटी की सदस्य इवा ओलसन ने कहा, “क्वांटम इन्फार्मेशन साइंस बहुत तेजी से बदलता हुआ क्षेत्र है। क्वांटम कंप्यूटिग और सेंसिग टेक्नोलाजी समेत विभिन्न् क्षेत्रों में इसकी बहुत अहम भूमिका है।” भौतिक विज्ञानी जिन विषयों पर शोध करते हैं, पहली नजर में उनका दैनिक जीवन पर प्रभाव नहीं समझ आता है। इनमें सूक्ष्म कणों से लेकर अंतरिक्ष एवं समय की कई गुत्थियां शामिल हैं। हालांकि उनके शोध के नतीजे विज्ञान के बहुत से अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्वांटम इन्फार्मेशन साइंस भी विज्ञान की ऐसी ही शाखा है। बढ़ती तकनीक के दौर में सूचनाओं का सुरक्षित तरीके से एक से दूसरी जगह पहुंचना बहुत अहम है। क्वांटम साइंस से इसमें सहायता मिलती है। डाटा को सुरक्षित तरीके से एनक्रिप्ट कर पाना भी इसी दिशा में शोध से संभव हुआ है। एनक्रिप्शन ने बहुत से संवेदनशील डाटा को हैकिग के खतरे से बचाया है।
वर्षों पहले किया था शोध
अमेरिका के 79 वर्षीय जान एफ क्लोजर ने पांच दशक पहले क्वांटम सिद्धांत को प्रयोग के द्वारा सिद्ध किया था। फ्रांस के 75 वर्षीय एलेन आस्पेक्ट ने क्वांटम सिद्धांतों में खामियों का पता लगाने और उन्हें दूर करने में सफलता पाई थी। वहीं आस्ट्रिया के 77 वर्षीय एंटन जीलिगर ने क्वांटम टेलीपोर्टेशन की अवधारणा दी थी। आज इसी की मदद से सैकड़ों मील दूर किसी डाटा को भेजना संभव हो पाया है। आज इन तीनों विज्ञानियों के शोध को आधार बनाते हुए क्वांटम कंप्यूटर, क्वांटम नेटवर्क और सुरक्षित तरीके से क्वांटम कम्युनिकेश्ान के क्षेत्र में विज्ञानियों ने अनूठी उपलब्धियां प्राप्त की हैं। जीलिगर ने नोबेल के लिए चुने जाने को सुखद आश्चर्य कहा है। 2010 में इन तीनों को इजरायल में वुफ प्राइज मिला था। विज्ञान के क्षेत्र में इसे नोबेल से पहले की सीढ़ी माना जाता है।
अभी घोषित होने हैं अन्य विजेताओं के नाम
इस साल के नोबेल विजेताओं के नामों की घोषणा की शुरुआत सोमवार को चिकित्सा के नोबेल से की गई। इस साल चिकित्सा का नोबेल स्वीडन के स्वांते पैबो को मिला है। बुधवार को रसायन और गुरुवार को साहित्य के नोबेल विजेताओं का एलान किया जाएगा। शांति के नोबेल विजेता के नाम की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता के नाम की घोषणा अगले सोमवार यानी 10 अक्टूबर को होगी। नोबेल पुरस्कार 10 दिसंबर को दिए जाएंगे।