मथुरा-मथुरा के आयुषी चौधरी हत्याकांड का पर्दाफाश हो गया है। पुलिस के मुताबिक उसे पिता ने ही गोली मारी थी। वारदात में मां ने भी साथ दिया था। हत्या दिल्ली के बदरपुर स्थित घर पर की गई। बाद में लाश को लाल सूटकेस में पैक करके 150 किलोमीटर दूर मथुरा जिले के राया इलाके में यमुना एक्सप्रेस-वे पर फेंक दिया गया था। 18 नवंबर को आयुषी की लाश बरामद हुई थी। बताया जा रहा है कि आयुषी ने करीब लव मैरिज की थी। परिवार इससे नाखुश था। आयुषी शुरू से अड़ियल स्वभाव की थी और वह पेरेंट्स से झगड़ा करती रहती थी। पुलिस का कहना है कि अभी वह भरतपुर (राजस्थान) में रह रहे आयुषी के पति से भी पूछताछ करेगी। तब इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।22 साल की आयुषी ने करीब एक साल पहले भरतपुर (राजस्थान) के रहने वाले छत्रपाल राजपूत से आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। पेरेंट्स इस शादी के पक्ष में नहीं थे। आयुषी शादी के बाद एक भी बार अपने ससुराल नहीं गई और मायके में ही रह रही थी। 17 नवंबर की दोपहर आयुषी का मां से झगड़ा हुआ। पिता को पता चला तो उन्होंने आयुषी को समझाया। वह नहीं मानी तो पिता ने गुस्से में लाइसेंसी रिवॉल्वर से आयुषी के सीने में दो गोलियां दाग दीं। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
. दुकान से पॉलिथीन लाए और लाश सूटकेस में पैक की
आयुषी की हत्या के बाद पिता घर के पास की दुकान से पॉलिथीन खरीद कर लाए। दोपहर में उसकी लाश को सूटकेस में पैक किया। देर रात 3 बजे कार में सूटकेस रखा और 150 किलोमीटर दूर मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुबह 5 बजे फेंक दिया। इसके बाद 7 बजे दिल्ली चले गए। कार पिता चला रहा था और मां आगे वाली सीट पर बैठी थी। आयुषी BCA में पढ़ रही थी। पहचान करते समय मां और भाई की आंखों में आंसू आ गए। वह एक-दूसरे के गले लगकर रोने लगे। आयुषी हत्याकांड में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि पुलिस खुद परिवार तक पहुंची। यानी, परिवार ने पुलिस को आयुषी के लापता होने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। न ही गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जिस रिवॉल्वर से गोली मार कर हत्या की गई, उसका लाइसेंस देवरिया में बना था। पुलिस पूछताछ के दौरान माता-पिता दोनों रोते रहे। उन्होंने बताया कि जो कुछ हुआ, सब एकाएक और गुस्से में हुआ। पिता ने बताया कि बेटी जलील करती थी। उसे कई बार समझाया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी।