आम धारणाओं के विपरीत शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में दावा किया है कि अचानक कार्डियक अरेस्ट से पहले भी इसके संकेत मिलते हैं। सडेन कार्डियक अरेस्ट (एससीए) के क्षेत्र में काम करने वाले यूरोपीय नेटवर्क ईएससीएपीई-एनईटी का नवीन अध्ययन निष्कर्ष बताता है कि एससीए से कुछ हफ्तों पहले स्वास्थ्य देखभाल में नाटकीय बदलाव आने लगता है।
यूरोपियन सोसायटी आफ कार्डियोलाजी (ईएससी) के यूरोपियन हार्ट रिदम एसोसिएशन (ईएचआरए) व यूरोपीय अनुसंधान परिषद (ईआरसी) इस शोध का समर्थन करते हैं। ईएससीएपीई-एनईटी प्रोजेक्ट के लीडर व नीदरलैंड्स स्थित एम्सटर्डम यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में हृदय रोग विशेषज्ञ डा. हन्ने टैन के अनुसार, “ईएससीएपीई-एनईटी डाटा बताते हैं कि कार्डियक अरेस्ट से पहले के दिनों में मरीज का सामान्य देखभाल बढ़ जाता है। वह अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सतर्क रहने लगता है।
यह अध्ययन निष्कर्ष कार्डियक अरेस्ट के खतरे वाले व्यक्तियों की पहचाने करने और उनका इलाज शुरू करने में मददगार साबित हो सकता है।” कार्डियक अरेस्ट औद्योगिक देशों में होने वाली मौतों की पांच प्रमुख वजहों में से एक है। कार्डियक अरेस्ट के मामले ज्यादातर उन समुदायों के लोगों में सामने आते हैं, जिन्हें इसके लिए संवेदनशील नहीं माना जाता। इस अवस्था में हृदय खून को पंप करना बंद कर देता है, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है। 10-20 मिनट के भीतर अगर रक्त प्रवाह सामान्य नहीं किया गया, तो व्यक्ति की मौत हो सकती है।