श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने संकट की घड़ी भारत को अपने देश का सबसे बड़ा मित्र बताया है। कोलंबो में टाटा टिस्कान डीलर सम्मेलन में प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने भारतीय कंपनियों से अधिक निवेश की अपील की। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के संकट के समय में भारत सबसे बड़ा मित्र है।
बता दें कि 1948 में आजादी मिलने के बाद पिछले वर्ष पहली बार ऐसा समय आया, जब श्रीलंका ने दिवालिया होने की घोषणा की। वह 51 अरब डालर के विदेशी ऋण को चुकाने में सक्षम नहीं था। ऐसे विकट दौर में भारत उसकी मदद के लिए आगे आया। पिछले वर्ष जब श्रीलंका संकट में था, तब भारत ने चार अरब डालर की सहायता की थी। साथ ही कर्ज में डूबे श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से आर्थिक पैकेज दिलाने में मदद का आश्वासन भी दिया था।
उधर, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि वह शक्ति हस्तांतरण की अपनी नीति पर आगे बढ़ते रहेंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए अपने अलोकप्रिय निर्णयों को जारी रखेंगे कि दिवालिया देश आर्थिक संकट से उबर सके। उन्होंने कहा कि आईएमएफ से मिलने वाले 2.9 अरब डालर के बेलआउट पैकेज को लेकर बातचीत अंतिम दौर में है।