पुलिस के बारे में आम धारणा है कि वह का सख्त होती है। उसका यही रवैया हमारे दिमाग में रहता है। मगर इसके विपरीत पुलिस भी भावनात्मक रूप से लोगों के दुख दर्द से जुड़ी रहती है। उत्तर प्रदेश के होशंगाबाद जिले के इटारसी में आधी रात के बाद एक अस्पताल ने प्रसव पीड़िता को रेफर कर दिया। मगर हड़ताल के कारण एंबुलेंस नहीं मिली। इस विषम स्थिति में डाक्टर पीडिता का दर्द नहीं समझ सके, पर पुलिस ने परिवार का दर्द समझा और उसे सरकारी जीप से अस्पताल पहुंचाया।
सराय इम्मा निवासी फरहीन को प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी किरतपुर में भर्ती कराया गया। रात तीन बजे स्वास्थ्यकर्मियों ने हालत गंभीर बताते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। चालकों की हड़ताल के कारण एंबुलेंस भी नहीं मिली तो महिला परिजनों के साथ पैदल ही गांव के लिए चल पड़ी। महिला दर्द से कराह रही थी। इस बीच वहां से गुजर रही पुलिस जीप के सिपाही संजीव निगम और रजत कुमार ने ग्रामीणों को रोककर जानकारी ली।
सिपाही संजीव निगम ने फोन कर एंबुलेंस बुलाने का प्रयास किया, लेकिन कोई चालक नहीं आया। इसके बाद सिपाहियों ने सरकारी जीप से प्रसव पीड़िता को किरतपुर में निजी महिला चिकित्सक के पास पहुंचाया।