उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के म्योरपुर क्षेत्र के एक गांव की 13 साल किशोरी को उसी गांव के 16 साल किशोर से प्यार हो गया। दोनों के संबंध इतने गहरे हो गए कि किशोरी बिना विवाह के ही मां बन गई। इसके बाद प्रेमी किशोर और उसके परिवार वालों ने किशोरी को अपनाने से साफ मना कर दिया। इसकी शिकायत प्रोबेशन अधिकारी और पुलिस तक पहुंची तो उन अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया। जब दबाव पड़ा तो प्रेमी के परिवार वालों ने किशोरी को अपनाने का लिखित समझौता किया। चूंकि दोनों नाबालिग हैं इसलिए पांच साल बाद दोनों की विधिवत सामाजिक रीति विवाह करवाया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक एक ही गांव और एक ही जाति के किशोर और किशोरी में पढ़ाई के दौरान प्यार हो गया तो दोनों चोरी-छिपे मिलने लगे। कुछ दिन के बाद किशोरी गर्भवती हो गई। पिछले दिनों पहले उसने एक बच्चे को जन्म दिया। लेकिन, प्रेमी और उसके परिवार के लोग उसे अपनाने से इन्कार करने लगे। तब पीड़िता ने महिला कल्याण विभाग से गुहार लगाई। पीड़िता की मां ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थनापत्र दिया।
प्रोबेशन अधिकारी ने मामले को गंभीरता से लिया तो नया मोड़ आ गया। बाल संरक्षण अधिकारी गायत्री दुबे के नेतृत्व में एक टीम गांव में पहुंची टीम ने दोनों पक्ष को थाने बुलाया। वहां दोनों पक्ष में बातचीत के आधार पर समझौता कराया गया। गायत्री के मुताबिक शपथपत्र पर दोनों पक्ष से हस्ताक्षर हैं। दोनों नाबालिग हैं इसलिए बालिग होने के बाद विवाह करेंगे। अभी दोनों अपने-अपने घर रहेंगे।