नई दिल्ली। गिरगिट के रंग बदलने वाली आदत के बारे में आपने सुना ही नहीं बल्कि देखा भी होगा। अपनी इस प्रकृति के लिए गिरगिट काफी मशहुर हैं। आमतौर गिरगिट की लंबाई कम से कम 4 से 5 इंच होती है। लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे गिरगिट की खोज की है, जिसकी लंबाई एक इंच से भी कम है। वैज्ञानिकों को गिरिगट की ये अनोखी प्रजाति उत्तरी मेडागास्कर के जंगलों में मिली है, जिसे ब्रूकेशिया नाना के नाम से जाना जाता है।
वैज्ञानिकों ने इसे दुनिया का सबसे दुनिया का सबसे छोटा रेप्टाइल यानी रेंगने वाला जीव माना है और इसे नैनो-गिरगिट नाम दिया है। जर्मनी के हैम्बर्ग स्थित नेचुरल हिस्ट्री सेंटर के साइंटिस्ट ओलिवर हॉलिस्चेक के मुताबिक इस नैनो-गिरगिट का घर मेडागास्कर के जंगल हैं। कई सालों से इन जंगलों की कटाई चल रही थी, लेकिन अब नैनो-गिरगिट को बचाने के लिए इसे संरक्षित किया जा रहा है। नैनो-गिरगिट प्रजाति के संरक्षण के लिए जंगलों की कटाई रोकना बड़ा कदम माना जा रहा है।बता दें कि वैज्ञानिकों को इस खास प्रजाति के दो नर और दो मादा गिरगिट मिले हैं। नर गिरगिट का आकार मादा गिरगिट की अपेक्षा कम है। नर गिरगिट का आकार 0.53 इंच, तो वहीं मादा का आकार 0.75 इंच है। वैज्ञानिकों के मुताबिक नैनो-गिरगिट के शरीर का 20 फीसदी हिस्सा रिप्रोडक्टिव ऑर्गन है। वैज्ञानिक मार्क शर्ज कहते हैं कि कुछ जीवों में रिप्रोडक्टिव ऑर्गन उनके शरीर के अनुपात में बड़े होते हैं। नए गिरगिट के साथ भी ऐसा ही है। दुनियाभर में अब तक 11,500 रेप्टाइल मिल चुके हैं। हालांकि, नैनो गिरगिट की ये प्रजाति आकार के मामले में इनमें से सबसे छोटी है। नैनो गिरगिट की खोज जर्मनी और मेडागास्कर की वैज्ञानिकों की टीम ने की है।