नई दिल्ली। इतिहास में जितनी भी बड़ी सभ्यताएं हुईं वह नदी के उपजाऊ जमीन के पास ही फली-फूली। नदी के पास की उपजाऊ भूमि ने सभ्यता के विकास में एक अहम योगदान दिया। इस कारण हमारा और हमारे इतिहास का भूमि के साथ बहुत ही गहरा नाता रहा है। इसी वजह से हमारे यहां कई संस्कृतियों के लोग भूमि की पूजा करते हैं और धरती को मां मानते हैं। पर क्या कभी आपने सोचा है कि कोई ऐसा समाज भी है जो जमीन पर ना रहकर पानी पर रहता हो? जवाब है हां! चीन के फुजियान प्रांत के निंग्डे में एक ऐसी जगह हैं, जहां के सभी लोग पानी में ही रहते हैं। दुनिया भर में लोग इस जगह को जिप्सी ऑफ द सी के नाम से जानते हैं। इस जगह पर 7000 से भी ज्यादा मछुआरे रहते हैं। ये लोग लंबे समय से यहां रहते आ रहें हैं। यहां के लोग टंका प्रजाति से अपना संबंध रखते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा लेकिन यह गांव पिछले 1300 से सालों से पानी पर ऐसे ही बसा हुआ है। इस गांव में सभी घर नांव के ऊपर बने हुए हैं। जिप्सी ऑफ द सी का यह इलाका फुजियान का सबसे लंबा समुद्री तट है। समुद्र के पानी पर तैरते इन घरों को लकड़ी से बनाया गया है। घरों के नीचे काफी मजबूत प्लेटफॉर्म लगे हुए हैं। इस कारण यहां के घर लंबे समय तक के लिए टिकाऊ होते हैं। एक जगह से दूसरी जगह आसानी से जाया जा सके इसलिए गांव के भीतर कई जगहों पर लकड़ी के कई सारे पुलों को बनाया गया है। ये मछुआरे सदियों से यहीं पर रहते आ रहें हैं और अपने रीति रिवाजों का पालन भी कर रहें हैं। इन लोगों की आजीविका का साधन मछली है। ये लोग समुद्र में बड़े पैमाने पर मछली को पकड़ते हैं। मछली को पकडऩे के बाद उसे जमीन पर ले जाकर बेचते हैं। इनके इतिहास को देखें तो 7वीं सदी के दौरान यहां पर तांग राजवंश का शासन था। तांग शासन के दौरान टंका प्रजाति के लोगों पर काफी जुल्म होता था। उन्हें काफी सताया जाता था। इन सब से तंग आकर ये लोग पानी पर रहने चले गए। आधुनिक दौर में भले ही बहुत कुछ बदल गया हो, परंतु ये लोग अपनी परंपरा में बंध चुके हैं और वहां से वापिस आना नहीं चाहते। आप में से कई लोगों ने हॉलीवुड की लोकप्रिय फिल्म द हॉबिट: बैटल ऑफ फाइव आर्मीज तो जरूर देखा होगा। इस फिल्म में बिल्कुल ऐसे ही एक गांव के बारे में दिखाया गया है, जो कि पानी के ऊपर बसा हुआ है। फिल्म में हूबहू वैसे ही घरों को देखा जा सकता है, जैसा कि जिप्सी ऑफ सी में हैं।