विज्ञानियों ने एक हालिया अध्ययन में पाया कि गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की खुराक लेने से एक वर्ष की उम्र तक शिशु में एटोपिक एक्जिमा का खतरा कम हो जाता है। अध्ययन निष्कर्ष ब्रिटिश जर्नल आफ डर्मेटोलाजी में प्रकाशित हुआ है। इसमें बताया गया है कि गर्भावस्था के 14 हफ्ते बाद से प्रसव होने तक अगर महिलाएं रोजाना 1,000 इंटरनेशनल यूनिट (25 माइक्रोग्राम) विटामिन डी का सेवन करें, तो शिशु के पहले साल में एक्जिमा का खतरा कम हो जाता है। उन बच्चों में इसका विशेष प्रभाव देखा गया, जिन्होंने जन्म लेने के एक महीने बाद तक मां का दूध पिया। एटोपिक एक्जिमा एक पुरानी सूजन वाली स्थिति है, जो पीड़ितों व उनके परिवारों पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है।
अनुमान के मुताबिक एक से पांच वर्ष की आयु के छह बच्चों में से एक को एटोपिक एक्जिमा है। साउथैैंप्टन मेडिकल रिसर्च काउंसिल लाइफकोर्स एपिडेमियोलाजी सेंटर तथा एनआइएचआर साउथैैंपटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के हालिया अध्ययन में 700 से अधिक गर्भवतियों ने हिस्सा लिया। इनमें से 352 ने गर्भावस्था के 14 हफ्ते बाद से लेकर प्रसव तक विटामिन डी की खुराक ली, जबकि 351 ने प्लेसबो लिया। अध्ययन की प्रथम लेखिका डा. सारा एल-हेइस के अनुसार, ‘हमारे श्ाोध में पाया गया कि जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की गोलियां लीं, उनके शिशुओं में एक वर्ष तक एटोपिक एक्जिमा का खतरा कम रहा।”