छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के स्टेशन रोड स्थित संजय गांधी चौक पर गणेश पूजा पंडाल में समुंंद्र मंथन की झांकी का सजाई गई है। 40 फीट चौड़ी, 14 फीट ऊंची समुद्र मंथन की झांकी बनाई गई है। इसमें शास्त्रों में वर्णित समुद्र मंथन से जुड़े घटनाक्रमों को यहां प्रदर्शित किया गया है।
जयभारत गणेशोत्सव समिति की ओर से आयोजित पूजन कार्यक्रम स्थल सजावट में समुद्र मंथन को दर्शाया गया है। इस बार पंडाल में समुद्र का मंथन करने के लिए मंदरांचल पर्वत के चारों ओर वासुकी नाग को रस्सी बनाकर देवताओं एवं राक्षसों द्वारा समुद्र को मथने का दृश्य प्रस्तुत किया गया है। झांकी में दिखाया गया है कि समुद्र का मंथन करने से 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी।
इसमें से विष भी निकला, जिसे जगत कल्याण के लिए देवों के देव महादेव यानी शिवजी ने पी लिया। विष के प्रभाव से शिवजी के गले का रंग नीला पड़ गया, इसलिए शिवजी का एक नाम नीलकंठ भी पड़ा। झांकी में वासुकी नाग के एक ओर ब्रह्मा समेत अन्य देवताओं और नाग के दूसरी ओर राक्षसों की प्रतिमाएं है। दोनों ओर से नाग को खींचते हुए दृश्य आकर्षण का केंद्र है। मंदरांचल पर्वत के उपर श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है। मूर्ति का निर्माण थनौद गांव के मूर्तिकार मिलन चक्रधारी ने किया है।