महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कार्यों में छत्तीसगढ़ का उत्कृष्ट प्रदर्शन लगातार जारी है। चालू वित्तीय वर्ष में जॉबकॉर्ड धारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है। अप्रैल, मई और जून में कुल 55 हजार 981 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। देश में 100 दिनों का रोजगार हासिल करने वाले कुल परिवारों में अकेले छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी 41 फीसद है। बता दें कि कोरोना संक्रमण काल से कुछ समय पहले छत्तीसगढ इस मामले में दूसरे पायदान पर था। लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ राज्य में मनरेगा से जुडे कार्यों में बडी संख्या में रोजगार श्रृजन हुआ और ग्रामीण कामगारों को जोडा गया।
ग्रामीणों को रोजगार देने में नक्सल प्रभावित जिलों ने अच्छा काम किया है। प्रदेश में लक्ष्य के विरूद्घ सर्वाधिक रोजगार देने वाले पहले पांच जिले बस्तर संभाग के हैं। प्रदेश के दस जिलों ने इस वर्ष के लिए स्वीकृत लेबर बजट का 70 प्रतिशत से अधिक काम पूर्ण कर लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने मनरेगा में लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई दी है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते लाकडाउन के बावजूद मनरेगा के अंतर्गत तत्परता से शुरू हुए कार्यों से ग्रामीणों को बड़ी संख्या में सीधे रोजगार मिला। मनरेगा कार्यों ने विपरीत परिस्थितियों में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पंचायत प्रतिनिधियों की जागरूकता और मनरेगा टीम की सक्रियता से प्रदेश में आगे भी मनरेगा के तहत बेहतरीन कार्य होंगे। मौजूदा वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के विरूद्घ रोजगार सृजन के मामले में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर है। शुरूआती तीन महीनों में ही यहां सालभर के लक्ष्य का 66 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है। इस दौरान आठ करोड़ 84 लाख 50 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है।