माता वैष्णो देवी के त्रिकुटा पर्वत के एक छोर पर लगी आग शांत हुई तो दूसरे छोर पर आग भड़क उठी। आग ने माता वैष्णों देवी के महत्वपूर्ण बैटरी कार मार्ग के साथ लगते दो से तीन किलोमीटर वन क्षेत्र को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इस मार्ग को बंद कर दिया है। इस पर चलने वाली बैटरी कार सेवा भी दिनभर स्थगित रही। कटड़ा से सांझीछत्त के बीच चलने वाली हेलीकाप्टर सेवा जारी है। दिक्कतों के बावजूद वैष्णो देवी की यात्रा पारंपरिक मार्ग से जारी है। श्राइन बोर्ड प्रशासन, आपदा प्रबंधन, पुलिस विभाग, वन विभाग, फारेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स के जवान आग बुझाने के लिए लगे हुए थे। आग से बैटरी कार मार्ग के साथ भवन पर भी घना धुंआ छा जाने से श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ रही है।
बीती रात चौन्था तथा पलेल गांव से संदिग्ध परिस्थितियों में शुरू हुई आग बैटरी कार मार्ग के साथ लगती गुड्डी धार के जंगलों में तेजी से फैलती चली गई। कुछ ही समय में आग ने दो से तीन किलोमीटर के वन क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। तड़के से ही आग को अधिक फैलने से रोकने के प्रयास शुरू हो गए। भवन से आद्कुंवारी तक बैटरी कार मार्ग पर बिछाई गई फायर लाइन (पानी की पाइप) को पूरी तरह से एक्टिव कर दिया गया और जवान पानी की बौछार कर रहे हैं। लेकिन लगातार चल रही तेज हवाएं इसमें बाधा बन रही हैं। श्राइन बोर्ड प्रशासन ने वायुसेना को भी सतर्क कर दिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर आग बुझाने के लिए हेलीकाप्टरों की मदद ली जा सके।
गौरतलब है कि इससे पहले लगातार तीन दिन वैष्णो देवी के त्रिकुटा पर्वत के जंगल कटड़ा हेलीपैड के पास जलते रहे। इसके चलते हेलीकाप्टर सेवा को भी बंद रखा गया। बामुश्किल इस आग पर काबू पाया जा सका था।