केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने इनमें लागू कोटा प्रथा को लगभग समाप्त कर दिया है। इस फैसले के तहत जो कोटे खत्म किए गए हैं, उनमें सांसदों, शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सहित प्रवेश से जुड़े करीब दर्जन भर कोटे शामिल हैं। इसके साथ ही केंद्रीय विद्यालयों में इस कोटे से हर साल भरी जाने वाली करीब 40 हजार सीटें भी मुक्त हो गई हैं। इनमें अकेले करीब आठ हजार सीटें सांसदों की सिफारिश से भरी जाती थीं। प्रत्येक सांसद को 10 सीटों का कोटा दिया गया था।
विशेष कोटे से भरी जाने वाली ये सीटें स्कूलों में निर्धारित क्षमता के अतिरिक्त होती थीं। ऐसे में इस प्रवेश से केंद्रीय विद्यालयों की गुणवत्ता सहित छात्र-शिक्षक अनुपात और कई अन्य मानक प्रभावित हो रहे थे। इसके बावजूद मामला सांसदों सहित मंत्रालय आदि से जुड़ा होने के चलते कोई भी इसमें हाथ डालने से बच रहा था। आखिरकार प्रधानमंत्री ने इसमें हस्तक्षेप किया और कोटे की इस प्रथा को खत्म करने के लिए कहा। इसके बाद सबसे पहले शिक्षा मंत्री ने खुद अपना कोटा खत्म किया। साथ ही केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) को प्रवेश से जुड़े विशेष कोटे की नए सिरे से समीक्षा करने के निर्देश दिए। पीएम की पहल और शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद केवीएस ने पिछले दिनों कोटे पर रोक लगा थी। साथ ही पूरे मामले की समीक्षा करने का फैसला लिया था।
केवीएस ने प्रवेश से जुड़े करीब दर्जन भर विशेष कोटे को खत्म करने के साथ प्रवेश को लेकर एक संशोधित गाइडलाइन भी जारी की है। इसके तहत केवीएस ने सांसदों, शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों, प्रायोजित एजेंसियों, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष (जिला कलेक्टरों या ऐसी एजेंसियों के प्रमुख जो स्कूल निर्माण के लिए भूमि मुहैया कराते हैं) के अतिरिक्त राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों आदि के कोटे को खत्म किया है।
प्रतिभाशाली बच्चों सहित कोविड में अनाथ बच्चों का कोटा बरकरार
केवीएस ने खेल, स्काउट गाइड और फाइन आर्ट्स जैसी विधाओं से जुड़े प्रतिभाशाली बच्चों, एक बालिका और वीरता व बालश्री पुरस्कार प्राप्त बच्चों के प्रवेश से जुड़े कोटे को बरकरार रखा है। कोविड के चलते अनाथ हुए बच्चों और कश्मीरी विस्थापितों के बच्चों के लिए विशेष रियायत जारी रखने का भी फैसला लिया गया है। कोविड में अनाथ हुए बच्चों को दाखिला पीएम केयर स्कीम के तहत दिया जाएगा। इसके तहत जिला कलेक्टर की सिफारिश पर किसी भी स्कूल में ऐसे 10 बच्चों को और एक कक्षा दो बच्चों को दाखिला देने का प्राावधान किया गया है। इनकी एक से 12वीं तक पूरी फीस भी माफ की गई है। कश्मीरी विस्थापितों के बच्चों को प्रवेश के लिए 30 दिन का ज्यादा समय देने सहित उनका कटआफ एससी-एसटी बच्चों के बराबर रखने का प्राावधान किया गया है। नई गाइड लाइन में पैरा-मिलिट्री फोर्स से जुड़े बी और सी कैटेगरी के कर्मचारियों के बच्चों के लिए 50 सीटें आरक्षित की गई हैं। अभी तक उन्हें इन विद्यालयों के प्रवेश्ा में कोई रियायत नहीं मिलती थी।