टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया ने नए विमानों के लिए विमान निर्माता कंपनियों एयरबस और बोइंग के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है। इसके तहत एअर इंडिया फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी एयरबस से 250 और अमेरिका की विमान निर्माता कंपनी बोइंग से 220 विमान खरीदेगी। इसमें छोटे और बड़े दोनों प्रकार के आकार वाले विमान शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की वर्चुअल उपस्थिति के दौरान एयरबस के साथ विमान खरीद समझौता किया गया है। वहीं बोइंग के साथ समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर टेलीफोन पर बात भी हुई। बता दें कि इससे पहले एअर इंडिया ने वर्ष 2005 में 111 विमानों को खरीदने का समझौता किया था। तब एयरबस से 43 और बोइंग से 68 विमान खरीदे गए थे।”
एयर इंडिया ने बताया है कि वह एयरबस से 40 ए350 और 210 ए320 व ए321 माडल के विमान खरीदेगी। बोइंग से बोइंग 787 माडल के 20 विमान, बोइंग 777-9 माडल के 10 विमान और 737 मैक्स माडल के 190 विमान खरीदने का समझौता किया गया है। बोइंग777 और 787 विमान में जीई एयरोस्पेस के इंजन लगाए जाएंगे जबकि एयरबस में राल्स रायस के इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। जबकि बोइंग 737 में सीएफएम इंटरनेशनल इंजन लगाए जाने वाले हैं। इन विमानों को भारत लाने का सिलसिला इसी वर्ष के अंत तक शुरू हो जाएगा।
वर्ष 2025 के मध्य तक ज्यादातर विमान भारत आ जाएंगे और अपनी सेवाएं देने लगेंगे। बोइंग से हुए सौदे का कुल मूल्य 34 अरब डालर है। समझौते के तहत भविष्य में बोइंग से 50 बोइंग 737 मैक्स और 20 बोइंग 787 विमान खरीदने का विकल्प भी शामिल है। इस प्रकार यह पूरा सौदा 45.9 अरब डालर का हो जाएगा। डालर के लिहाज से बोइंग के लिए यह तीसरा सबसे बड़ा और विमानों की संख्या के लिहाज से अब तक दूसरा सबसे बड़ा आर्डर है। इस बीच एयर इंडिया ने लीज पर बोइंग 777 माडल के 11 विमान और एयरबस 320 माडल के 25 विमानों को लेने का फैसला किया है। इनमें से कुछ विमान भारत पहुंच चुके हैं।