बिहार कांग्रेस को टूट के खतरे ने ऐसे डराया कि विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया। ऐसा नहीं कि सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही डरी हुई है। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और भाजपा भी संभावित टूट की आशंका से डर गई है। यही वजह है कि दोनों दल अपने-अपने विधायकों पर नजर रखे हुए हैं। भाजपा तो कांग्रेस की राह पर चल पड़ी है।
भाजपा के सभी विधायकों को बोधगया ले जाने की तैयारी है। विधायकों से कहा गया है कि 10 फरवरी को बोधगया में प्रशिक्षण कार्यक्रम है। लिहाजा, सभी को हर हाल में 9 तारीख की शाम तक बोधगया पहुंच जाना है। 10 को पूरे दिन ट्रेनिंग दी जाएगी। अगले दिन यानि 11 फरवरी को बोधगया से लौटने को कहा गया है। बिहार विधानसभा का सत्र 12 फरवरी से शुरू होना है। पहले दिन ही नई सरकार विश्वास मत हासिल करेगी। इसके पहले सत्ता पक्ष के विधायकों को पूरी तरह से एकजुट रखने की कोशिश जारी है।