लद्दाख में तनातनी के बीच चीन ने पिथौरागढ़ से लगती सीमा पर भी सैन्य गतिविधि बढ़ा दी है। चीन लगातार मानव रहित विमान (यूएवी) से सीमा की टोह ले रहा है। इस बीच सेना और आइटीबीपी के जवान सतर्क हैं। वहीं, अनहोनी की आशंका में सीमावर्ती ग्रामीण भी देर रात तक जागते रहे। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, चीन लद्दाख क्षेत्र में तो ऐसी हरकत करता रहता है, लेकिन उसने पहली बार पिथौरागढ़ सीमा पर मानव रहित विमान से टोह ली है।
भारत-चीन सीमा लिपुलेख के पास बुधवार रात अचानक तेज रोशनी हुई, जो पूरे सीमा क्षेत्र का चक्कर लगाती रही। रात आठ से नौ बजे तक इस गतिविधि को देख सेना और आइटीबीपी के जवान सतर्क हो गए। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, रोशनी किसी मानव रहित टोही विमान की हो सकती है। क्योंकि चीन हाल के क्षेत्र में लिपुलेख सीमा के पास अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है। पाला में उसने स्थायी सैन्य छावनी का निर्माण करने के बाद कैलास मानसरोवर के पास लांच पैड तैयार कर मिसाइल भी तैनात कर दी है।
चीन सीमा पर सेना और आइटीबीपी मुस्तैद है। लिपुलेख से लेकर मुनस्यारी के मल्ला जोहार से लगने वाली सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। इस क्षेत्र में आइटीबीपी की तीन वाहिनियां अभी कार्यरत हैं। नाबीढांग से आगे किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। छियालेख में भी इनर लाइन से आगे स्थानीय ग्रामीण्ाों के अलावा अन्य के प्रवेश पर रोक है। नेपाल सीमा पर भी एसएसबी ने गश्त तेज कर दी है।