बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में अब नदियों में होने वाले अवैध खनन के लिए सीधे तौर पर कलेक्टर और एसपी जिम्मेदार होंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश दिए हैं। उन्होंने रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि माफिया पर कार्रवाई नहीं होने पर जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी। अवैध रेत उत्खनन को लेकर अरपा अर्पण महाभियान समिति ने मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है। इससे पहले समिति अफसरों और हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटा चुकी है।
समिति की शिकायत पर सीएम ने दी चेतावनी
अरपा अर्पण महाभियान समिति के संरक्षक श्याम मोहन दुबे ने बताया कि समिति ने हाईकोर्ट के आदेश के साथ कई बार कलेक्टर और एसपी को शिकायत कर अवैध उत्खनन व परिवहन पर रोक लगाने की मांग की गई है। हर बार उत्खनन रोकने का भरोसा दिलाया जाता है। लेकिन, कार्रवाई नहीं होती। इस बार समिति ने इस मामले की शिकायत सीएम भूपेश बघेल से की गई। उन्होंने अरपा नदी के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए अफसरों को रेत माफियाओं के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बिलासपुर में अरपा नदी में रेत माफियाओं ने शहर से लगे शिव घाट, मंगला, दयालबंद तोरवा, दो मुहानी फरहदा, सेंदरी, घूटकू, लमेर के साथ ही कोटा क्षेत्र के आस-पास के इलाकों में धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन चल र है। कोनी और तुकार्डीह में भी यही हाल है। यह सब खनिज अफसरों की मिलीभगत से चल रहा है। यही वजह है कि अफसर कभी कभार दिखावे की कार्रवाई करते हैं और फिर से यह अवैध कारोबार शुरू हो जाता है।
शिकायतों पर कलेक्टर भी नहीं देते ध्यान
अरपा अर्पण महाअभियान समिति पिछले दो साल से अरपा नदी के संरक्षण को लेकर अभियान चला रही है। इस दौरान रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन करने वालों के खिलाफ भी समिति ने अभियान चलाया और कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर से शिकायत की। लेकिन, इसके बाद भी रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। शिकायत होने पर खनिज अफसर कभी कभार दिखावे की कार्रवाई करते हैं। इसके बाद फिर से वही हाल रहता है और माफिया बेधड़क रेत उत्खनन करते रहते हैं।