रायपुर। अंबेडकर हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर्स की एक जेल प्रहरी ने पिटाई कर दी। दंतेवाड़ा से एक नक्सल मामले की बंदी को लेकर अस्पताल आए जेल प्रहरी को सुबह से लेकर दोपहर तक एक टेबल से दूसरे टेबल पर भेजा जाता रहा। इसी वजह से पुलिसकर्मी ने मारपीट की। दरअसल वह बंदी को टफक करवाने के लिए लेकर आया था लेकिन किसी ने उसे सही जानकारी नहीं दी। जेल प्रहरी ने अस्पताल के कर्मचारियों के साथ बहस शुरू कर दी, बीच-बचाव करने आए टेक्नीशियन और जूनियर डॉक्टर को इसने तमाचा जड़ दिया। इसके बाद क्या था, अस्पताल में हंगामा हो गया। देखते ही देखते डॉक्टर और अस्पताल कर्मियों की भीड़ लग गई। अस्पताल में मौजूद पुलिस चौकी का घेराव कर दिया गया। डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया। पूरे दिन चले हंगामे के बाद शाम के वक्त जेल प्रहरी के खिलाफ एफआईाअर दर्ज की गई। चौकी पर ड्यूटी देने वाले 2 पुलिस वालों को भी हटा दिया गया, इनकी जगह नए कॉन्स्टेबल को भेजा गया है। चर्चा है कि जेल प्रहरी की तरफ से भी पुलिस शिकायत दर्ज कर सकती है। शत्रुघ्न उरांव दंतेवाड़ा से नक्सल मामले में जेल में बंद कैदी के साथ सुबह रायपुर पहुंचा था। एक वायरल वीडियो में शत्रुघ्न यह कहते दिख रहा है कि अंबेडकर अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में वह पहुंचा लेकिन इसे दूसरी जगह भेजा गया। इसी तरह सारा दिन उसे उलझाकर रखा गया। अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि शत्रुघ्न उरांव ने जूनियर डॉक्टर अमन और डॉक्टर मनोज पर हमला कर दिया। उस वक्त कहां ड्यूटी कर रहे डॉक्टर उज्जवल और डॉक्टर किशोर ने बीच-बचाव किया। शत्रुघ्न ने इनके साथ भी धक्का-मुक्की की। हंगामा बढ़ने की वजह से मेडिकल कॉलेज के डीन विष्णु दत्त और अस्पताल के अधीक्षक विनीत जैन ने मोर्चा संभाला। काम बंद कर चुके जूनियर डॉक्टरों को भी समझाया गया और दूसरी तरफ पुलिस विभाग के अधिकारियों से इस पूरे मामले में कार्रवाई करने की मांग की गई। हालात न बिगड़े इसलिए सिटी रढ लखन पटले मौदहापारा थाना की पुलिस टीम के साथ अस्पताल पहुंच गए। डॉक्टर्स के साथ बैठक की। करीब 3 घंटे बाद मामला शांत हुआ। इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस से मांग की है कि अस्पताल में पुलिस के सशस्त्र सुरक्षाकर्मी होने चाहिए, मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर और डढऊ में समय-समय पर पुलिस की पेट्रोलिंग होनी चाहिए, अब इस मामले में रायपुर ररढ को भी पत्र लिखा जा रहा है।