महाकाल मंदिर पर ड्रोन उड़ाते मुंबई के दो संदिग्ध युवकों को पकड़ा
मंदिर क्षेत्र में प्रतिबंधित है ड्रोन कैमरा उड़ाना
केंद्र सरकार से सांसद ने मंदिर की सुरक्षा सीआईएसएफ को देने की मांग उठाई
उज्जैन । (अशोक महावार), महाकाल पुलिस ने शनिवार को महाकाल मंदिर के ऊपर ड्रोन कैमरा उड़ाते हुए मुंबई के दो संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों युवक बगैर अनुमति के कैमरा उड़ा रहे थे। पुलिस दोनों को लेकर थाने पहुंची। टीआइ मुनेंद्र गौतम ने बताया कि मंदिर के कर्मचारियों ने शनिवार शाम बड़ा गणेश मंदिर के पास मंदिर के ऊपर ड्रोन कैमरा उड़ते हुए देखा था। इसकी सूचना मंदिर चौकी के पुलिसकर्मियों को दी थी। पुलिसकर्मियों ने दोनों युवकों को पकड़ा और उन्हें महाकाल थाने को सौंप दिया है। दोनों युवक मुंबई के रहने वाले बताए जा रहे हैं। टीआइ गौतम के अनुसार कलेक्टर आशीष सिंह ने महाकाल मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर तथा आसपास के 500 मीटर क्षेत्र में ड्रोन कैमरा उड़ाना प्रतिबंधित कर रखा है।
युवकों से पूछताछ में जुटी पुलिस
टीआइ गौतम के अनुसार दोनों युवकों की जानकारी निकाली जा रही है कि वे किस उद्देश्य से मंदिर के ऊपर कैमरा उड़ा रहे थे। हालांकि पुलिस ने दोनों युवकों द्वारा मंदिर की रेकी किए जाने संबंधी आशंका से इन्कार कर दिया। पुलिस का कहना है कि दोनों को यह नहीं पता था कि मंदिर तथा आसपास के क्षेत्र में ड्रोन कैमरा उड़ाना प्रतिबंधित है।
आरोपित युवक बृजेश खत्री निवासी कांदिवली मुंबई बैंक में मैनेजर है तथा दूसरा युवक रामकिशन यादव निवासी नरीमन प्वाइंट मुंबई में खाने के स्टाल पर काम करता है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल दोनों से पूछताछ की जा रही है,
पूछताछ के बाद ही कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करने की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा सकती है
उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर सुरक्षा को लेकर एक बार फिर प्रश्नचिन्ह लग गया है शनिवार को महाकालेश्वर मंदिर के ऊपर दो ड्रोन उड़ते हुए पाए गए इसके बाद महाकालेश्वर मंदिर मैं तैनात प्राइवेट कंपनी के सुरक्षाकर्मियों द्वारा ड्रोन उड़ने की घटना के बारे में मंदिर प्रशासक के संज्ञान में लाया गया और मंदिर प्रशासन द्वारा तुरंत प्रभाव से ड्रोन उड़ाने वाले लोगों को पुलिस के हवाले किया गया । इसे महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर प्रशासन द्वारा इस विषय को गंभीरता से लिया जा रहा है इस घटना के चलते महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा सीआईएसएफ (CISF) को देने की मांग एक बार फिर हो रही है, इससे पहले उत्तरप्रदेश के कुख्यात बादमाश विकास दुबे के यहां पकड़े जाने एवं राजनेता द्वारा मंदिर परिसर में पिस्टल लेकर जाने पर पूरे मंदिर परिसर की सुरक्षा को लेकर प्रश्न चिन्ह लग गया था इसके बाद सांसद अनिल फिरोजिया ने केंद्र को पत्र लिखा था, उसमें आम जनता की सुरक्षा की मांग की गयी थी,इस पर तत्कालीन कलेक्टर ने भी संज्ञान लिया था और CISF को एक पत्र लिखा था, उन्हीं की गुजारिश पर सीआईएसएफ की टीम यहां आयी थी और सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा लिया था ।
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर के बड़ा गणेश मंदिर की ओर से दो ड्रोन उड़ते हुए पाए गए सुरक्षाकर्मियों की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए ड्रोन उड़ाने वाले दोनों लोगों को पुलिस के हवाले कर दिया गया ।
महाकाल थाना प्रभारी मुनींद्र गौतम ने बताया कि ड्रोन उड़ाने वाले दोनों व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है शुरुआत की पूछताछ में दोनों की पहचान मुंबई निवासी यादव एवं खत्री के रूप में हुई है दोनों से ड्रोन जप्त कर लिए गए हैं आगे की पूछताछ जारी है।
गौरतलब है कि महाकाल मंदिर क्षेत्र में कुछ समय पूर्व में हत्या, चोरी, लूट, पत्थरबाजी जैसी घटनाएं हुई थी इसका सीधा असर श्रद्धालुओं पर पड़ता है,मंदिर के आसपास सुरक्षित माहौल होना चाहिए, इसलिए यहां के नेताओं और अफसरों ने केंद्र को पत्र लिखा था, उसके बाद अब यहां CISF की टीम आयी थी उसने मंदिर और आस पास के क्षेत्र का निरीक्षण किया था और इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपने के बाद महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा सीआरपीएफ को देने की बात कही जा रही थी लेकिन 1 साल के बाद भी महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा अभी भी प्राइवेट एजेंसी के निहत्थे सुरक्षा गार्डों के हाथ में है। मौजूदा समय में महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के क्षेत्र में निर्माण कार्य चल रहे हैं और मंदिर का परिसर पूरी तरह से असुरक्षित हो चला है , ऐसे समय में महाकालेश्वर मंदिर के ऊपर बिना इजाजत के दो ड्रोन उड़ते पाए जाना महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा में प्रश्न चिन्ह लग गया है।
स्वस्तिक पीठाधीश्वर परमहंस डॉ अवधेश पुरी महाराज ने महाकालेश्वर मंदिर की एवं जहां लाखों श्रद्धालु रोज बाबा महाकाल के दर्शन करते हैं महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन को मंदिर की सुरक्षा के विषय में संज्ञान लेकर शासन से मंदिर की सुरक्षा सुरक्षा उपकरणों से लैस सीआरपीएफ को सौंपी जानी चाहिए ताकि महाकालेश्वर मंदिर एवं यहां आने वाले लाखों श्रद्धालु सुरक्षित हो और भविष्य में महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा को लेकर का इंतजाम हो सके।