शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने लांग कोविड मरीजों में ब्रेन फाग जैसी तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्या पैदा होने के कारणों का पता लगाया है। आस्ट्रेलिया स्थित स्विनबर्न यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलाजी व ला ट्रोब यूनिवर्सिटी तथा लग्जमबर्ग स्थित लग्जमबर्ग यूनिवर्सिटी ने बताया कि सार्स-सीओवी-2 वायरस के प्रोटीन के अंश मस्तिष्क में एमलायड क्लंप बना सकते हैं। ये अल्जाइमर व पार्किंसंस जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगियों में पाए जाने वाले एमलायड के बिल्कुल समान दिखते हैं। एमलायड शरीर में पाए जाने वाले एक खास प्रकार के प्रोटीन होते हैैं।
नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन निष्कर्ष में बताया गया है कि एमलायड मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए अत्यंत घातक होते हैं। एमलायड द्वारा लक्षित मस्तिष्क कोशिकाओं के नष्ट होने के कारणों को समझने के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने एक प्रणाली विकसित की और उसकी विशेषताओं को परखा। इसके लिए आस्ट्रेलिया के सिंक्रोट्रान में फिजिकल कैरेक्टराइजेशन प्रणाली की भी मदद ली गई।
स्विनबर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डा. मिरेन चार्नले ने कहा, ‘यदि आगामी अध्ययनों में भी यह साबित होता है कि लांग कोविड ब्रेन फाग के लिए एमलायड ही जिम्मेदार हैैं, तो अल्जाइमर के इलाज के लिए बनीं एंटी-एमलायड दवाओं का इस्तेमाल मददगार साबित हो सकता है।” कोरोना संक्रमण खत्म होने के महीनों बाद भी कई लोगों में उसका असर बरकरार रहता है। इसके कारण लोगों में परेशानियां पैदा हो सकती हैैं। इनमें ब्रेन फाग भी शामिल है। इस अवस्था में लोग छोटी-छोटी बातों को बार-बार भूलने लगते हैैं और अपनी कही बात भी याद नहीं रख पाते।