केंद्र सरकार द्वारा तीनों नए कृषि कानूनों के वापस लेने का फैसला शेयर बाजारों को रास नहीं आया। निवेशकों ने सरकार के इस फैसले को कृषि क्षेत्र समेत देश के सकल कारोबार पर नकारात्मक असर डालने वाला मानते हुए अधिकतर सेक्टरों में जमकर बिकवाली की। इसके चलते बीएसई का 30-शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 1,170.12 अंक यानी 1.96 प्रतिशत फिसलकर 58,465.89 के स्तर आ गया। यह सेंसेक्स का पिछले दो महीनों का निचला स्तर है। नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) का 50-शेयरों वाला निफ्टी भी 348.25 अंकों यानी 1.96 प्रतिशत लुढ़ककर 17,416.55 पर रह गया। निफ्टी के लिए भी इस वर्ष 20 सितंबर के बाद का यह निचला स्तर है।
सेंसेक्स पैक में बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, टाइटन और एसबीआइ के शेयर 5.74 प्रतिश्ात तक टूट गए। सऊदी अरैमको के साथ 15 अरब डालर का कारोबारी सौदा रद करने वाली आरआइएल के शेयर चार प्रतिशत से अधिक गिरे। पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्यूनिकेशंस के शेयर लगातार दूसरे दिन गिरावट का शिकार हुए। कंपनी के शेयर 13 प्रतिशत से अधिक टूटकर बीएसई पर 1,360.30 पर बंद हुए। हालांकि भारती एयरटेल और पावरग्रिड के स्टाक्स में निवेशकों ने थोड़ी खरीदारी की।
सेक्टोरल इंडेक्स के मामले में बीएसई रियल्टी, एनर्जी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, आटो, आयल एंड गैस व फाइनेंस के स्टाक्स 4.45 प्रतिश्ात तक टूट गए। मिडकैप व स्मालकैप शेयरों में भी 2.96 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।