कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ-7 की दस्तक के साथ कई राज्यों में सतर्कता (प्रीकाशन) डोज लगवाने वालों की संख्या बढ़ गई है। कई राज्य सतर्कता डोज की उपलब्धता की बात कह रहे हैं। हालांकि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के स्टाक में सोमवार सुबह तक कोरोना के टीके की 170 डोज उपलब्ध थीं। इसमें 120 डोज कोविशील्ड व 50 कोवैक्सीन की थीं, जिनमें से 70 डोजृ का इस्तेमालृ हो चुका है। 1000 डोज स्टाक में हैं। लिहाजा दिल्ली के सरकारी स्टाक में टीका खत्म हो चुका है।
दिल्ली सरकार ने टीके की 200 हजार डोजृ केंद्र सरकार से मांगी है। उप्र के टीकाकरण अधिकारी डा. मनोज कुमार शुक्ला के मुताबिक राज्य भर में अभी करीब ढाई लाख वैक्सीन डोज उपलब्ध हैं। ऐसे में केंद्र सरकार से अतिरिक्त वैक्सीन की मांग के लिए पत्र भेजा जा चुका है। वहीं, बिहार में कोविशील्ड, कोवैक्सीन के साथ कारबेवैक्स की पर्याप्त डोज उपलब्ध है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अभी 4.56 लाख डोज उपलब्ध है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह की मानें तो राज्य में वैक्सीन की कमी नहीं है, इसलिए केंद्र से अभी कोई मांग नहीं की गई है। आवश्यकता पड़ने पर अभी 24 घंटे के भीतर केंद्र से वैक्सीन मिल जाने की स्थिति है।
छत्तीसगढ़ के राज्य कोरोना नियंत्रण अभियान के नोडल अधिकारी डाक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 2.91 लाख टीके हैं। इसमें से 2.89 लाख कोविशील्ड और 2560 कोवैक्सीन उपलब्ध है। हिमाचल प्रदेश में कोविशील्ड की केवल एक हजार वैक्सीन बची है। कार्बेवैक्स अक्टूबर में समाप्त हो गई है। कोवैक्सीन का कोटा उपलब्ध है। राज्य ने केंद्र से कोविशील्ड वैक्सीन की दस हजार डोज की मांग की है।