महाशिवरात्रि पर भक्त उपवास रखते हैं, लेकिन इस बार भगवान महाकाल भी उपवास रखेंगे। यह स्थिति ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा के अनुसार बनी है। दरअसल, मंदिर की पूजन परंपरा में शनि प्रदोष के दिन भगवान महाकाल उपवास रखते हैं। इस बार महाशिवरात्रि शनिवार के दिन होने से शनि प्रदोष का संयोग बन रहा है। इसलिए भगवान महाकाल का उपवास रहेगा और शिवरात्रि की विशिष्ट पूजा में शनि प्रदोष के पूजन को भी शामिल किया जाएगा।
पंडित महेश पुजारी ने बताया कि दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से भगवान की शासकीय पूजा होगी। इस पूजन में जिला प्रशासन व तहसील के अधिकारी शामिल होंगे। दोपहर 2.30 से तीन बजे तक कोटेश्वर महादेव की पूजा होगी। इसके बाद गर्भगृह में दोपहर तीन से शाम छह बजे तक शनि प्रदोष पर होने वाली रुद्राभिषेक पूजा संपन्न् कराई जाएगी।
इसके बाद होल्कर व सिंधिया राजवंश की ओर से की जाने वाली पूजा होगी। पश्चात भगवान को गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जाएगा। शाम सात बजे से रात 10 बजे तक पुन: कोटेश्वर महादेव का पूजन होगा। इसमें पंचामृत पूजन, सप्तधान अर्पण, सेहरा श्रृंगार व आरती होगी। रात 11 बजे से महानिशा काल में महाकाल की महापूजा का क्रम शुरू होगा।